Shodashi Secrets
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Inspiration and Empowerment: She's a symbol of energy and courage for devotees, particularly in the context from the divine feminine.
सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं
Shodashi’s mantra enhances devotion and faith, serving to devotees build a further relationship to the divine. This reward instills belief during the divine method, guiding men and women by way of challenges with grace, resilience, and a sense of objective in their spiritual journey.
हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना
पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥
ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः
हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।
सेव्यं गुप्त-तराभिरष्ट-कमले सङ्क्षोभकाख्ये सदा ।
या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) get more info में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा कामराजप्रदिष्टा ।
भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।
बिभ्राणा वृन्दमम्बा विशदयतु मतिं मामकीनां महेशी ॥१२॥